कोरोना काखौफ देखकर आता सबको रोना
बर्बाद हुए व्यापार, वीरान हुए बाजार
भारत में जागरूकता के कारण महामारी का प्रभावथोड़ा कम हर नजला, जुखाम, खांसी व बुखार नहीं होता है कोरोना
नई दिल्ली। नई दिल्ली। कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में मौत बरसा कर ऐसा खौफ फैलाया है कि पूरी दुनिया तबाही की कगार पर पहुंच गई है। कोरोना वायरस से दुनिया भर में आवाजाही प्लेन का सफर ठप हो गया है। इससे जुड़े होटल, पर्यटन उद्योग पूरी तरह से चरमरा गया है। कोरोना वायरस की सुनामी से दुनिया भर के शेयर बाजार तेजी से गिरे हैं। इसके साथ ही दुनियाभर में आयात- निर्यात का कारोबार ठप पड़ गया है। इससे उद्योग, फैक्ट्री बंद हो रहीं हैं, व्यापार चाँद हो रहे हैं, बाजार चौरान पड़े हैं। भीड़भाड़ वाले सारे कार्यक्रमों पर पाचंदी लगने से आईपीएल व अन्य कमाई वाले कार्यक्रम पर भी पानी फिर रहा है। देश के 15 से अधिक राज्यों के स्कूल, कॉलेज, मॉल्स व सिनेमाघरों पर ताला लटक गया है।
चीन के वहान प्रांत से लगभग तीन माह पहले निकले मौत के जिन कोरोना' वायरस अर्थात 'कोविड- 19' ने अब पूरी दुनिया में अपने पांव पसार लिये हैं। इस वायरस ने अब तक 6000 से अधिक लोगों को मौत की नींद सुला दिया है। विश्व के 115 देशों में डेढ़ लाख से अधिक लोग इस महामारी के चंगुल में फंसे हैं। दुनिया में चीन के बाद इटली, ईरान में मौतें हुई हैं। दुनिया के अनेक देशों में भारतीय बड़ी संख्या में रहते हैं। इनमें से कुछ कोरोना वायरस से प्रभावित भी हैं। इस वैक्षिक आपदा के समय विदेशों में रह रहे भारतीयों को अपने घर की याद आ रही है। वे भारत आना चाहते हैं, इसको लेकर भारत सरकार सशंकित भी है और सतर्क भी है। विदेशों से अपने नागरिकों को भारत लाने की मजबूरी को देखते हुए सरकार ने इन भारतीयों को इस वायरस से मुक्त करने और अपने देश के नागरिकों को बचाने के लिए खास योजना बनाई है। इस योजना में सेना महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
ऐसे होती है विदेशी भारतीयों की घरवापसी परइलाज
चीन के वुहान, इटली तथा ईरान से भारी संख्या में भारतीयों को लाया गया है। इन देशों से आने वाले जुकाम, नजला, बुखार और खांसी से पीड़ित भारतीयों का एयरपोर्ट पर चेकअप होता है। इसके बाद दिल्ली के पास हरियाणा के मानेसर में सेना द्वारा बनाये गये छावला क्यारंटाइन कैम्म और मुंबई के पास घाटकोपर में नौसेना द्वारा बनाये गये क्वारंटाइन कैम्प में ले जाया गया। जहां इनकी सेना के विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा फिर चेकअप किया जाता है।
वचारंटाइन कैम्प और आइसोलेशन कैम्प या वार्ड में क्या है अंतर
क्वारंटाइन कैम्प और आइसोलेशनमाकोलोगएकहीमान कर चल रहे हैं जबकि इन दोनों में काफी अंतर है।क्वारंटाइन कैम्प में विदेश से आने वाले भारतीयों के स्वास्थ्य की निगरानी की जाती है। यदि कोई व्यक्ति का केस पॉजिटिव पाया जाता है तोउसेतुरन्त आईसोलेशनवर्डया कम्पमे भेजाजाता है। निर्जन या एकांत अथवा सूने स्थान को आइसेलेशन कहते हैं। इसलिए आइसोलेशन कैम्पों में पॉजिटिव केसों के मरीजों को रखकर उनका उपचार किया जाता है। उन्हें तीन लेयर के मास्क, पूरे शरीर को कवर रखने के साथ आंखों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इन मरीजों को बेहतर विकित्सा वउनके खान-पनका विशेष ध्यान इन कैम्पों में रखा जाता है। इन कैम्पों में सेनके विशेषज्ञ चिकित्सकवमेडिकल स्टाफ विशेष साच्चानी से निगरानी कर रहा है। इसी वजह से अथ तकभारत में दस लेगों को ठीक भी किया जा चुका है।
कैसा होता है आइसोलेशन वार्ड
अवसलेशन वार्ड को इस तरह डिजाइन किया जाता है कि जरूस पड़ने पर कहां पर रखे जाने वाले सक्रमित रोगियों की अच्छी तरह से जार-हतालकीजा सके। आइसोलेशन वार्ड मुख्य रूप से अस्पतालों सेदुरबनाए जाते हैं ताकि वहांपर रहने वाले संक्रमितमरीजों का प्रभाव अस्पतालमें आनेजानेवले और सामन्य बीमारी के इलाज कराने वाले व्यक्तियों पर ना पड़े। आइसलेशन यनिट मेकछ महत्वपूर्णकर्मचारियों और डॉक्टर्स को ही जाने की अनुमति दी जाती है। आइसोलेशन वार्ड में संक्रमित व्यक्तियों की पूरी तरह से जांच पड़ताल की जा सके, इसके लिए सभी प्रकार कीमशीन वापर गलबहोती हाया अवसेलेशन बोर्ड पूरी तरह से बद और सुरक्षित बनाए जाते हैं ताकि वहापर रहनेवालेखामितव्यक्तिका संक्रमणवासेकहर ना निकल सके। पहले आइखेलेशनवार्डका इस्तेमालझ्यालरंजा सेलेकरश्वेला जैसी बीमारिय से ग्रसितलोग के लिए ही किया गया है लेकिन अब कोरोनावायरस से ग्रसित लोग के लिए भी ऐसे आइसोलेशन वार्डसका इस्तेमाल किया जा रहा है।
हर सर्दी, जुकाम,खांसी या बुखार नहीं होता है कोरोना.ये हैं लक्षण: डा.गर्ग
भय का भूत जिस तरह इंसान पर हावी होजता है, टीक उसी तरह आजकल पूरी दुनिया खासकर भारत में उसी तरह का खौफ हाथी है और मामूली जुकाम, खंसी और बुखार को कोरोना मानकरहड़कंयमवाले हैं। गाजियाबाद में सर्वोदय अस्पताल के सीएमओ डॉ. नीरज गर्ग ने बताया कि कोरोनाका खौफ वेवजह लोग बना रहे है, यहां से प्रदूषण के चलते हर दूसरे व्यक्ति को मौसम के बदलाव में जुकाम खांसी या बुखार होना आम बात है। इसलिए जुकाम,बुखार या खासी होते ही न घबरायें। उन्होंने बताया कि इस समय के चार तरह के कोरोना वायरस एक्टिव है, इनमें से कोचिड-19 वायरस सबसे अधिक खारनाक है।